सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

क्योंकि तुमसे दोस्ती जो है हमारी

तुम्हारी आखों का यूं झुक कर मुड़ जाना
तुम्हारे छिपे हुए इरादों का भान कराता है
तुम पीठ में हमारी घोप दो कितने ही खंजर
उफ भी नही करेंगे जरा सी,
क्योंकि तुमसे दोस्ती जो है हमारी


मंशा समझ जाता हूँ, चाल ढाल देखकर तेरी
आज या किसी पल, तू कत्ल की तैयारी में है मेरी !
लेकिन थोड़ा तो सोचों ! तुम भी तो जिंदा हो अभी तक 
जान लो इसकी बता इसकी वजह,
क्योंकि तुमसे दोस्ती जो है हमारी

मुझे रोक लेती है कच्ची डोर रिश्तों की और 
तुम्हारे षड्यंत्रों को देखकर अनदेखा कर देता हूं
तुम हो के मेरे इर्दगिर्द रोज एक नया षड्यंत्र रचते हो
दिए भी  मैं हूँ के सब भूल कर गले लगाता हूँ तुम्हें,
क्योकि तुमसे दोस्ती जो है हमारी


कभी बिना शर्तो के यूँही मिलकर तो देखों
हम छाती से दिल निकाल कर हमारा सजाकर तुम्हें देंगे
भले ही मास का लोथड़ा समझ तुम फेंक देना उसे कुड़े में
फिर भी आवाज उसी से तुम्हे देंगे,
क्योंकि तुमसे दोस्ती जो है हमारी

----प्रेणता

राहुल कौशल

दिनांक 11/10/2020

15 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

शानदार

THE SECOND TRUTH ने कहा…

राहुल यह बेहतरीन है। लिखते रहिए।

Rahul Kaushal ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद त्रिपाठी जी!

Rahul Kaushal ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाह ...क्या कहने।
उम्दा बात।

Study Centre Devrishi Bhardwaj ने कहा…

😆🤗🤗🤗😝😝

ध्यान सीखें ने कहा…

मन में उमडती भावनाओं पर काबू रखें तथा उचित शब्दों का प्रयोग करें |
तभी असली वाह वाही मिलेगी जनाााब

ध्यान सीखें ने कहा…

ठाकुर सोनू राणा

Rahul Kaushal ने कहा…

आपका आशीर्वाद मिला आभारी हूँ

Rahul Kaushal ने कहा…

धन्यवाद

Rahul Kaushal ने कहा…

जी

Unknown ने कहा…

Sayar

ARTICLES COVER ने कहा…

Rahul bhai keep continue 🤗achhe vakta ke sath sath ek kavi hriday.

Rahul Kaushal ने कहा…

नही बस यूँही

Rahul Kaushal ने कहा…

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