सोमवार, 17 जून 2013

महविश के जेठ यूसुफ को किया सुपुर्दे खाक

- शव के आते ही घर में मचा कोहराम 
- सैकड़ों लोगो ने दी गमगीन माहौल में यूसुफ को विदाई  

बुलन्दशहर।महविश के जेठ यूसुफ के शव को जैसे ही गाव लाया गया, पूरा गाव गमगीन हो गया। सोमवार की शाम को ही यूसुफ के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। बेबस परिजनो की चीख पुकार सुन कर वहां उपस्थित सभी की आंखे डबडबा गईं। यूसुफ के जनाजे में आसपास के गांवो के सैकड़ों लोग शामिल हुए। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने गांव में भारी पुलिस बल की तैनती की हुई थी। 
जेठ यूसुफ की मौत से महविश पड़ी अकेली
- परिवार के भरण पोषण से लेकर महविश प्रकरण तक युसुफ निभाता था महत्वपूर्ण भूमिका 
     महविश के जेठ युसुफ की दिल्ली में उपचार के दौरान रविवार को हुई मौत  के बाद एक ओर जहां उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है,  वहीं दूसरी ओर उसकी मौत से महविश अपने आपकों असहाय महसूस करने लगी है। युसुफ की मौत से महविश मामले में पैरवी कमजोर हो सकती है। 
     
     परिजनों की इच्छा के विरूद्ध प्रेम विवाह करने वाली महविश के पति अब्दुल हकीम की गत 22 दिसंबर को गांव में हत्या कर दी गई थी। महविश तभी से अपने मायके पक्ष पर आनर किलिंग का आरोप लगा रहा है,  लेकिन पुलिस अब्दुल हकीम की हत्या को आपसी रंजिश का परिणाम मान रही है। दूसरे पक्ष से अपनी जान को खतरा बताते हुए महविश ने पुलिस प्रशासन से शस्त्र लाईसेंस सहित सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। इन्हीं मांगों को लेकर महविश परिजनों सहित गत 31 मई को एसएसपी कार्यालय के बाहर अनशन पर भी  बैठी थी, जिससे एसएसपी ने आश्वासन देकर अनशन समाप्त करा दिया था। 
     दूसरे पक्ष की एक महिला द्वारा महविश व उसके परिजनों के विरूद्ध घर में घुसकर मारपीट करने व तोड़फोड़ करने की शिकायत की थी। इस प्रकरण में गत 12 जून घटना की जांच करने गांव पहुंचे देहात कोतवाल आरबी सिंह यादव ने कथित रूप से महविश को अपने पति की हत्या का जिम्मेदार बताया था। महविश का आरोप था कि देहात कोतवाल ने उन्हे जान देने के लिए उकसाया,  यहां तक कि कोतवाल ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए माचिस भी दी। क्षुब्ध महविश तथा परिजनों ने आहत होकर अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जिसमें युसुफ बुरी तरह झुलस गया था। रविवार को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में युसुफ ने उपचार के यूसुफ ने दौरान दम तोड़ दिया। मौत की खबर गांव पहुंचते ही महविश के घर में हाहाकार मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी गुलाब सिंह ने गांव में भारी पुलिस तैनात कर रखा है। 
  
     युसुफ की मौत के¢ बाद उसके परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। पत्नी से तलाक हो चुका है, जबकि घर में तीन मासूम बच्चे हैं। बडे लड़के की शैदी हो चुकी है, इनमें छोटा पुत्र विकलांग है। जिसकी देखभाल यूसुफ ही किया करता था विकलांग बेटे को नहलाना, उसके कपड़े बदलना, उसको खाना खिलना आदि। यहाँ बड़ा सवाल यह है की कौन करेगा इस मासूम जान की देखभाल? परिजनों ने बताया कि पूरे परिवार की देखरेख व महविश प्रकरण में युसुफ ही मददगार था। उसकी मौत से सारा घर पशोपेश में है। 
आखिर गिर ही गई कोतवाल पर गाज
     महविश के जेठ युसुफ की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलाब सिंह ने अंततः दबंग देहात कोतवाल पर चाबुक चला ही दिया। एसएसपी ने देर रात कोतवाल आरबी सिंह यादव को संस्पेंड कर दिया। इससे पूर्व कप्तान ने कार्रवाई की खानापूर्ति करते हुए कोतवाल को लाइन हाजिर किया था। जिस पर महविश ने ऐतराज जताते हुए कोतवाल को सस्पेंड कर आत्महत्या क¢ लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।

कोई टिप्पणी नहीं: