शुक्रवार, 20 मई 2011

फिल्म स्टार को कब्ज


मीडिया क्या चाहती है ये तो खुद मीडिया नहीं जानती मुझे तो कम से कम एसा ही लगता है.... भट्टा-पारसोल में किसानो की मौत को सिर्फ एक घटना के तौर पर मीडिया परोस रही हैं......
यह कोई छोटी सी घटना नहीं देश को शर्मसार करने वाली हत्याएं हैं... जब किसी फिल्म स्टार को कब्ज भी होती हैं तो उसकी खबर लाइव चलती है... 
और जब देश का अन्नदाता मारा जाता है या कहे बेरहमी से जला दिया जाता तब ये मीडिया ओबामा-ओसामा की खबर चलायी जाती  है... क्या मीडिया की मायावती से फटती है
आज तक अगर हिसाब लगाया जाये तो जितना किसानो को इस सरकार ने लूटा है, इतना तो कांग्रेस और भाजपा ने भी नहीं लूटा.... सरकारी चीनी की मिल बेच दी मोंटी चड्डा को, जो जल्दी ही इन मिलो के जमीनों पर मकान बना कर बेचेगा....सूत्रों की जानकारी से पता चला है की मुख्यमंत्री मायावती का एक भाई आनंद जो बदलपुर में रहता है सब कुछ डील करता है, खेर हम तो निरे बेबकूफ है हमे कोई ६० वर्षो से लूट रहा है कोई हमारी खल में भूसा भर रहा है, मेरा ऐसा मानना है की भट्टा-पारसोल  में लापता २६३ किसानो को उत्तर प्रदेश सरकार ने मरवा दिया है वरना अभी तक उन लोगों का कुछ तो पता चलता....
महिलाओ के साथ बलात्कार किसानो के साथ मर पिटाई और जो अपने हक की बात करे उसको बिटोरे में डाल कर जला दो ताकि कोई अपनी बात  कह सके, एक मीडिया का भरोसा आम आदमी को थापर सब मीडिया न्यूज़ चैनल में बड़े नेताओ और अधिकारियो का पैसा लगा है या उनके बच्चे जॉब कर रहे है तो वो उनके खिलाफ कैसे जा सकते है .... शर्म है इस व्यवस्था पर, रोना आता है की मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूँ... सच तो ये है की मैं खुद एक नपुंसक की भांति अपने विचार रख रहा हूँ कुछ कर नहीं पा रहा....अब वो समय गया है जब हमे समस्त व्यवस्था पर खुद काबू पाना होगा वरना हम अपनी आने वाली पीढ़ी को सिर्फ गरीबी और लाचारी ही दे पाएंगे....अब वक्त है नयी क्रांति का.....

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