शनिवार, 5 नवंबर 2011

तिलमिला गयी जनता...

डर गयी जनता...


मर गयी जनता...

भय खा गयी जनता...

तिलमिला गयी जनता...

बिखर गयी जनता...

लुट गयी जनता...

झुलस गयी जनता...

प्यासी रह गयी जनता...

भूत हो गए नेता...

यमराज बन गए नेता...

भयानक हो गए नेता...

सांप बन गए नेता...

कंकड़ बन गए नेता...

लुटेरे बन गए नेता...

आग बन गए नेता...

तेल पी गए नेता...

कांग्रेस हो या बीजेपी...

या हो सपा बसपा...

अब तो मर गए हम...

क्या करे जनता...

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