महाशिवरात्रि नाम से पुरुष प्रधान समझ की व्याख्या होती है जबकि कही भी उल्लेख नहीं की शिव ने शक्ति के बिना अपना अस्तित्व वताया हो, शिव ने तो बिना शक्ति के रूद्र का रूप लिया फिर हम शिव महादेव को मजबूर कर रहे है कि वह फिर से रूद्र रूप लेकर दुनिया का सर्वनाश करें।
हम कब महिलाओ को उनका वह स्थान देंगे जिसकी वो हकदार है, तो अकेले शिव का नाम ना ले क्योकि मेरा मानना है कि खुद महादेव भी नहीं चाहेंगे कि उनका नाम अकेले लिया जाये उनके साथ आदि शक्ति माँ का वर्णन भी किया जाये ऐसा मेरा मत है।
आज का दिन महाशिवरात्रि ना होकर महाशिवशक्ति रात्रि होना चाहिए, क्योकि अगर हमारी आदरणीय महिलाये अपनी शादी की सालगिरह अकेले मनाने लगी तो पुरुष प्रधान समाज को धक्का लगना स्वाभाविक है.............
तो बोलिए जय महाशिव शक्ति की
1 टिप्पणी:
जय हो जय, शिव-शंकर की जय!
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"महाशिवरात्रि पर आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ!"
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
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