ममता की ममता नक्सल की हो गयी
लालगढ़ में हो रही हा हा कार है,
लालगढ़ में हो रही हा हा कार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
कलमाड़ी ने अपनी शर्म बेच दी
देखो मैदान में लूट की बहार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
उमर को जूता मिला
कश्मीर समस्या से देश शर्मसार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
सुचना का तंत्र फेल उल्टी-सीधी खबर चलती
और तो और मीडिया भयी खूंखार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
बहू झोक दी चूल्हे में
दहेज़ समस्या आज भी विकराल है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
बेटी मार दी कोख में
लड़के को मिलता दादा दादी का प्यार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
पैसे वाला चलता गाड़ी में
किसान को बीज की दरकार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
भारती के लाल लड़ते सरे बाजार
देश में फैली भाषा की दीवार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
गंगा-जमुना में फैली गंदगी
ससुरी योजना न जाने कितनी तैयार है,
देश आज़ाद है जनता लाचार है !
लगता है तू बुढिया गयी माँ भारती
हर तरफ आँचल तेरा हमने किया तार-तार है,
देश आज़ाद है भगत हो या नेता सुभाष, आज तो सब लाचार है !
मैंने आजे के दिन सिर्फ शुभकामनाये अपने मित्रो, परिचितों में बांटी जश्न मानाने का दिल नहीं किया.....सच कहता हूँ ऐसी आज़ादी तो नहीं सोची होगी देशभक्तों ने....
अगर नेताओ और अधिकारियो का भ्रष्टाचार ऐसे ही चला तो फिर एक सिपाही अपनी जान देश के लिए क्यों दे ?
एक युवा अपनी बुद्धि देश के लिए क्यों लगाये ?
महंगाई, भ्रष्टाचार, लोभ, व्यभिचार से ग्रसित कलंकित लोगोने माँ भारती का आँचल मैला कर दिया.....यह आँचल किसी धुलाई के सर्फ़ से साफ नहीं होगा....हमें किसान कि तरह इस खरपतवार को जड़ से ही नेस्तेनाबुत करना होगा साथ ही बलिदान देना होगा
जय हिंद...........
मैंने आजे के दिन सिर्फ शुभकामनाये अपने मित्रो, परिचितों में बांटी जश्न मानाने का दिल नहीं किया.....सच कहता हूँ ऐसी आज़ादी तो नहीं सोची होगी देशभक्तों ने....
अगर नेताओ और अधिकारियो का भ्रष्टाचार ऐसे ही चला तो फिर एक सिपाही अपनी जान देश के लिए क्यों दे ?
एक युवा अपनी बुद्धि देश के लिए क्यों लगाये ?
महंगाई, भ्रष्टाचार, लोभ, व्यभिचार से ग्रसित कलंकित लोगोने माँ भारती का आँचल मैला कर दिया.....यह आँचल किसी धुलाई के सर्फ़ से साफ नहीं होगा....हमें किसान कि तरह इस खरपतवार को जड़ से ही नेस्तेनाबुत करना होगा साथ ही बलिदान देना होगा

9 टिप्पणियां:
क्या बात कही है राहुल भाई...आपकी कविता आज के आज़ाद भारत की हकीकत बाया कर रही हैं...सच में देश आज़ाद है जनता लाचार है....
bahut khub kaha hai sir ji
Sundar Varnan Kiya hai Rahul Ji aapne
hai to kuch esa hai.........
Sundar Varnan Kiya hai Rahul Ji aapne
hai to kuch esa hai.........
Ranpal Singh
Bulandshahr
Aap ke lekhan mai koi sak nahi sab sahi hai hum sab or pura desh is baat se bakif hai par kya hona hai is desh ka or logon ka bhagwan hi malik hai.......
राहुल जी बहुत अच्छा कमेन्ट है लेकिन कुछ करने की आवस्यकता है
धन्यवाद.
bahut khoob, sahi dard bayan kiya aapne desh k halaat k baarey me
आज आपके ब्लॉग पर आने का समय मिला अच्छा लगा मेरे पास समय नहीं होता कि मैं प्रतिदिन कंप्यूटर पर एक-दो घंटा दे सकूँ जिस दिन समय मिला सब कुछ कर लेना चाहता हूँ | आप का ब्लॉग पढ़ा अच्छा लगा |विजयादशमी की शुभकामनायें |
बहुत अच्छी और सटीक अभिव्यक्ति है। आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
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