सोमवार, 6 दिसंबर 2010

सुविधा शुल्क से प्यारा कुछ नहीं

जीवन स्तर सुधारने ने के लिए आखिर हम क्या कर रहे हैं, हम खुद नहीं जानते या जानकर भी अनजान बने हुए है। भाषण तो सब देते है शायद मैं भी वही वही कर रहा हूँ! परन्तु क्या करूँ कुछ समय पहले की ही बात ले लीजिये मेरे मित्र की जुबानी......

हमारा मित्र बोला सब कहते है चालक प्रमाण पत्र बनवाना बड़ा मुश्किल काम है हम खुद बनवायेंगे...अब उन्होंने फार्म भरा और चालीस रूपये जमकर फार्म भी जमा कर दिया और रसीद ले ली....
उनसे क्लर्क बाबु ने कहा की आप फला तारीख को आ जाये आपका टेस्ट होगा अब हमारें मित्र टेस्ट देने गए और फ़ैल हो गए कारण उनसे इतने दिशा सूचक पूछे गए की फ़ैल तो होने हे थे...अब उनका हुआ दिमाग ख़राब करते क्या न करते दौ सौ रूपये एक बक्से वाले को दिए और उनका चालक प्रमाण पत्र बनकर उनके हाथ में दो दिन में ही आ गया अब आप ही बताओ की मैं भाषण बाजी कैसे न करूँ ? (यह घटना एक दम सत्य है)
अब मैंने कुछ खोज की जिसमे कुछ तथ्य पाए की आखिर इतना भ्रष्ट तंत्र क्यों ?

मित्रो जबाब मिला की सरकारी, अर्धसरकारी, ठेके वाले विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत हो या राज्य सरकार के सब का एक ही तरीका है फाइल को जल्दी न करों उसको इतना लटका दो की या तो अगला पैसे दे वरना फाइल तो भूल ही जाये....
अब जरा आप ही बताएं जिसको पेंशन की फाइल पूरी करना ही क्योकि उसका जीवन भर कर जुड़ा हुआ यही तो है पैसे न दे तो क्या करें, किसी की बीवी या पति अस्पताल में है और वो जी० पी० एफ० का पैसा चाहता है तो साहब आपको बता दूँ बिना लिए दिए काम नहीं चलेगा।
आप चाहे शास्त्र प्रमाण पत्र बनवाए या बच्चे का एडमिशन सब बिना सुविधा शुल्क के संभव नहीं, अब एक सवाल उठाना लाजमी है कि भई बड़े बड़े लोगो कि फाइल तो नहीं रूकती तो साहब वो लोग भडुओं के पिछवाड़े तले गरम गद्दी लगा देते है।
मेरी नज़र में सबसे भ्रष्ट तंत्र
१. आर टी ओ
२. पुलिस
३. कोई भी योजना आयोग
४. कोई भी सरकारी विभाग जहा से आम आदमी के रोजगार, पैसे, अनाज और  इंधन की सहूलियत मिलती हो!
मेरे हिसाब से अभी तक पकड़ में आये घोटाले:

बोफोर्स, टेलीफोन, ताबूत, चारा

मेरे हिसाब से लेटेस्ट घोटाले:
टू जी, आदर्श CWG

मेरे हिसाब से जो अभी तक पकड़ में नहीं आये:
उत्तर प्रदेश में अभी सरकारी चीनी मिल सरकार द्वारा बेचीं गयी है जिनकी कीमत हजारो करोड़ में है उदहारण के लिए बुलंदशहर की चीनी मिल में करबी चार सौ से पांच सौ करोड़ की जमीन को सरकार ने मात्र 29 करोड़ में बेच दी जबकि उसका लोहा लोहा ३० करोड़ का है...(सुना है माननीय मुख्यमंत्री जी के भाई का भी कुछ प्रतिशत शेयर है....)

नोट: यह वो घोटाले हैं जहाँ आम आदमी करने की सोच भी नहीं सकता बस मुंह बना कर रह जाता है.....

"शेष भाग से आगे का भाग  "
अब जरा भ्रष्ट तंत्र को जानिए एक बात सोचिये आपको या मुझे या किसी को भी गैस, अनाज या तेल राशन की दुकान से लेना हो या डीलर (जो अधिकृत है) तो आप को क्या लगता है आपन्ने कहा और उन्होंने दे दिया अज़ी हो ही नहीं सकता कोई मतलब ही नहीं....
सबसे ज्यादा काला धन तो इन डीलरो के पास ही तो होता है...यहाँ एक व्यक्ति का नाम लेना जरुरी हो जाता है बुलंदशहर के ॐ  गैस एजेंसी के मालिक जिनी एजेंसी पर कभी भी लाइन लगते नहीं देखी किसी ने......यहाँ तक की ईमानदारी से कार्य करने के साथ गरीब लोगो के यहाँ किसी कार्यक्रम में उन्होंने एक प्रार्थना पत्र पर गैस वितरित की जो आजतक कोई नहीं कर पाया बाकी का हाल तो बहुत ही बुरा है......(तहेदिल से बधाई).....

भ्रष्टाचार के कुछ समाधान मेरी नज़र में है हो सकता है की आप इनसे इत्तेफाक ना रखें......
१. किसी भी कार्य को करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाये....
२. बिना किसी उचित कारण के कोई भी फाइल रोकी ना जाये.....
३. प्रत्येक कर्मचारी को अपना कार्य समय से करने के लिए नियमो द्वारा बाध्य किया जाये, , यदि वह यह कार्य निर्धारित समय पर पूरा ना करे तो उसकी पुस्तिका में यह बात अंकित की जाये....
४.कर्मचारियों और अधिकारियो को उनके द्वारा किया गया कार्य यदि ईमानदारी से हुआ है तो उन्हें प्रोत्साहित किया जाये.....साथ ही उचित तनखाह दी जाये....
५. रिश्वत लेने वाला यदि दुबारा पकड़ा जाये तो उसके बच्चो को (एक पीढ़ी) को सरकारी, अर्धसरकारी और निगम की नौकरियों से वंचित कर दिया जाये....
 ६. न्याय से सम्बंधित लोगो की गुप्त निगरानी राखी जाये रिश्वत या भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर उम्र भर की कमाई टेक्स के रूप में जमा करा ली जाये और जिला बदर कर दिया जाये.....
७. गैस, तेल और आनाज की एजेंसियां एक हज़ार व्यक्तियों की जनसंख्या पर दी जाये.....
८. बीस लाख से अधिक के किसी भी कार्य के लिए ठेका एक व्यक्ति को ना देकर एक समिति को कार्य दिया जाये और समिति एक ही जिले या मंडल के लोगो की ना हो साथ ही सदस्य कम से कम ग्यारह हो..... कार्य की जाँच वहां से जुड़े लोगो में से बनी समिति करें उस समिति में प्रत्येक मोहल्ले से एक व्यक्ति हो और कम से कम ग्यारह लोग हो और उनमे पांच महिला भी हो (चार के विरोध पर कार्य रोक दिया जाये).....
९. ठेके  का कार्य यदि समय पर पूरा ना हो तो एक मोहलत और दी जाये तब भी पूरा ना हो तो ठेका निरस्त कर दिया जाये साथ ही उस समिति को ब्लेक लिस्ट का एक स्टार दे दिया जाये यदि यह स्टार पांच हो जाये तो उस समिति को जीवन भर के लिए कार्य करने से रोक दिया जाये....
१०. प्रतिदिन होने वाली FIR की सुचना पुलिस की वेब साईट पर भी दी जाये.....अगर कोई व्यक्ति कहे की उसकी FIR उसमे शामिल नहीं या दर्ज नहीं की गयी तो उस कोतवाली से सम्बंधित अधिकारी को तुरंत पद से मुक्त कर जाँच की जाये....
११. जिलाधिकारियों को दिए गए अधिकारों में कटोती की जाये.....एक मत, या निर्णय जिलाधिकारी ना ले सके एक समिति का गठन हो जिला स्तर पर जिसमे सत्तापक्ष और विपक्ष (मुख्य पार्टियों के जिला अध्यक्ष) सामाजिक कार्यकर्त्ता, महिलाए और बुजुर्ग के साथ वहा के महाविधालयो के प्राचार्य और छात्र पदाधिकारी भी शामिल हो.....(यह विकास कार्यो के लिए है न्यायिक कार्यो के लिए नहीं).....

वर्ना यह विषय बहुत संवेदनशील होने वाला है आग भड़क सकती है क्योकि आम आदमी की डाल चावल वाली थाली कही खो गयी है और यदि आग भड़की तो गृह युद्ध निश्चित ही होगा और हाँ मैं आम आदमी की तरफ हूँ जो होगा देखाजायेगा

1 टिप्पणी:

Atul ने कहा…

bahut acche vichaar h bhaiya....