अब जरा भ्रष्ट तंत्र को जानिए एक बात सोचिये आपको या मुझे या किसी को भी गैस, अनाज या तेल राशन की दुकान से लेना हो या डीलर (जो अधिकृत है) तो आप को क्या लगता है आपन्ने कहा और उन्होंने दे दिया अज़ी हो ही नहीं सकता कोई मतलब ही नहीं....
सबसे ज्यादा काला धन तो इन डीलरो के पास ही तो होता है...यहाँ एक व्यक्ति का नाम लेना जरुरी हो जाता है बुलंदशहर के ॐ गैस एजेंसी के मालिक जिनी एजेंसी पर कभी भी लाइन लगते नहीं देखी किसी ने......यहाँ तक की ईमानदारी से कार्य करने के साथ गरीब लोगो के यहाँ किसी कार्यक्रम में उन्होंने एक प्रार्थना पत्र पर गैस वितरित की जो आजतक कोई नहीं कर पाया बाकी का हाल तो बहुत ही बुरा है......(तहेदिल से बधाई).....
भ्रष्टाचार के कुछ समाधान मेरी नज़र में है हो सकता है की आप इनसे इत्तेफाक ना रखें......
१. किसी भी कार्य को करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाये....
२. बिना किसी उचित कारण के कोई भी फाइल रोकी ना जाये.....
३. प्रत्येक कर्मचारी को अपना कार्य समय से करने के लिए नियमो द्वारा बाध्य किया जाये, , यदि वह यह कार्य निर्धारित समय पर पूरा ना करे तो उसकी पुस्तिका में यह बात अंकित की जाये....
४.कर्मचारियों और अधिकारियो को उनके द्वारा किया गया कार्य यदि ईमानदारी से हुआ है तो उन्हें प्रोत्साहित किया जाये.....साथ ही उचित तनखाह दी जाये....
५. रिश्वत लेने वाला यदि दुबारा पकड़ा जाये तो उसके बच्चो को (एक पीढ़ी) को सरकारी, अर्धसरकारी और निगम की नौकरियों से वंचित कर दिया जाये....
६. न्याय से सम्बंधित लोगो की गुप्त निगरानी राखी जाये रिश्वत या भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर उम्र भर की कमाई टेक्स के रूप में जमा करा ली जाये और जिला बदर कर दिया जाये.....
७. गैस, तेल और आनाज की एजेंसियां एक हज़ार व्यक्तियों की जनसंख्या पर दी जाये.....
८. बीस लाख से अधिक के किसी भी कार्य के लिए ठेका एक व्यक्ति को ना देकर एक समिति को कार्य दिया जाये और समिति एक ही जिले या मंडल के लोगो की ना हो साथ ही सदस्य कम से कम ग्यारह हो..... कार्य की जाँच वहां से जुड़े लोगो में से बनी समिति करें उस समिति में प्रत्येक मोहल्ले से एक व्यक्ति हो और कम से कम ग्यारह लोग हो और उनमे पांच महिला भी हो (चार के विरोध पर कार्य रोक दिया जाये).....
९. ठेके का कार्य यदि समय पर पूरा ना हो तो एक मोहलत और दी जाये तब भी पूरा ना हो तो ठेका निरस्त कर दिया जाये साथ ही उस समिति को ब्लेक लिस्ट का एक स्टार दे दिया जाये यदि यह स्टार पांच हो जाये तो उस समिति को जीवन भर के लिए कार्य करने से रोक दिया जाये....
१०. प्रतिदिन होने वाली FIR की सुचना पुलिस की वेब साईट पर भी दी जाये.....अगर कोई व्यक्ति कहे की उसकी FIR उसमे शामिल नहीं या दर्ज नहीं की गयी तो उस कोतवाली से सम्बंधित अधिकारी को तुरंत पद से मुक्त कर जाँच की जाये....
११. जिलाधिकारियों को दिए गए अधिकारों में कटोती की जाये.....एक मत, या निर्णय जिलाधिकारी ना ले सके एक समिति का गठन हो जिला स्तर पर जिसमे सत्तापक्ष और विपक्ष (मुख्य पार्टियों के जिला अध्यक्ष) सामाजिक कार्यकर्त्ता, महिलाए और बुजुर्ग के साथ वहा के महाविधालयो के प्राचार्य और छात्र पदाधिकारी भी शामिल हो.....(यह विकास कार्यो के लिए है न्यायिक कार्यो के लिए नहीं).....
वर्ना यह विषय बहुत संवेदनशील होने वाला है आग भड़क सकती है क्योकि आम आदमी की डाल चावल वाली थाली कही खो गयी है और यदि आग भड़की तो गृह युद्ध निश्चित ही होगा और हाँ मैं आम आदमी की तरफ हूँ जो होगा देखाजायेगा
सबसे ज्यादा काला धन तो इन डीलरो के पास ही तो होता है...यहाँ एक व्यक्ति का नाम लेना जरुरी हो जाता है बुलंदशहर के ॐ गैस एजेंसी के मालिक जिनी एजेंसी पर कभी भी लाइन लगते नहीं देखी किसी ने......यहाँ तक की ईमानदारी से कार्य करने के साथ गरीब लोगो के यहाँ किसी कार्यक्रम में उन्होंने एक प्रार्थना पत्र पर गैस वितरित की जो आजतक कोई नहीं कर पाया बाकी का हाल तो बहुत ही बुरा है......(तहेदिल से बधाई).....
भ्रष्टाचार के कुछ समाधान मेरी नज़र में है हो सकता है की आप इनसे इत्तेफाक ना रखें......
१. किसी भी कार्य को करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाये....
२. बिना किसी उचित कारण के कोई भी फाइल रोकी ना जाये.....
३. प्रत्येक कर्मचारी को अपना कार्य समय से करने के लिए नियमो द्वारा बाध्य किया जाये, , यदि वह यह कार्य निर्धारित समय पर पूरा ना करे तो उसकी पुस्तिका में यह बात अंकित की जाये....
४.कर्मचारियों और अधिकारियो को उनके द्वारा किया गया कार्य यदि ईमानदारी से हुआ है तो उन्हें प्रोत्साहित किया जाये.....साथ ही उचित तनखाह दी जाये....
५. रिश्वत लेने वाला यदि दुबारा पकड़ा जाये तो उसके बच्चो को (एक पीढ़ी) को सरकारी, अर्धसरकारी और निगम की नौकरियों से वंचित कर दिया जाये....
६. न्याय से सम्बंधित लोगो की गुप्त निगरानी राखी जाये रिश्वत या भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर उम्र भर की कमाई टेक्स के रूप में जमा करा ली जाये और जिला बदर कर दिया जाये.....
७. गैस, तेल और आनाज की एजेंसियां एक हज़ार व्यक्तियों की जनसंख्या पर दी जाये.....
८. बीस लाख से अधिक के किसी भी कार्य के लिए ठेका एक व्यक्ति को ना देकर एक समिति को कार्य दिया जाये और समिति एक ही जिले या मंडल के लोगो की ना हो साथ ही सदस्य कम से कम ग्यारह हो..... कार्य की जाँच वहां से जुड़े लोगो में से बनी समिति करें उस समिति में प्रत्येक मोहल्ले से एक व्यक्ति हो और कम से कम ग्यारह लोग हो और उनमे पांच महिला भी हो (चार के विरोध पर कार्य रोक दिया जाये).....
९. ठेके का कार्य यदि समय पर पूरा ना हो तो एक मोहलत और दी जाये तब भी पूरा ना हो तो ठेका निरस्त कर दिया जाये साथ ही उस समिति को ब्लेक लिस्ट का एक स्टार दे दिया जाये यदि यह स्टार पांच हो जाये तो उस समिति को जीवन भर के लिए कार्य करने से रोक दिया जाये....
१०. प्रतिदिन होने वाली FIR की सुचना पुलिस की वेब साईट पर भी दी जाये.....अगर कोई व्यक्ति कहे की उसकी FIR उसमे शामिल नहीं या दर्ज नहीं की गयी तो उस कोतवाली से सम्बंधित अधिकारी को तुरंत पद से मुक्त कर जाँच की जाये....
११. जिलाधिकारियों को दिए गए अधिकारों में कटोती की जाये.....एक मत, या निर्णय जिलाधिकारी ना ले सके एक समिति का गठन हो जिला स्तर पर जिसमे सत्तापक्ष और विपक्ष (मुख्य पार्टियों के जिला अध्यक्ष) सामाजिक कार्यकर्त्ता, महिलाए और बुजुर्ग के साथ वहा के महाविधालयो के प्राचार्य और छात्र पदाधिकारी भी शामिल हो.....(यह विकास कार्यो के लिए है न्यायिक कार्यो के लिए नहीं).....
वर्ना यह विषय बहुत संवेदनशील होने वाला है आग भड़क सकती है क्योकि आम आदमी की डाल चावल वाली थाली कही खो गयी है और यदि आग भड़की तो गृह युद्ध निश्चित ही होगा और हाँ मैं आम आदमी की तरफ हूँ जो होगा देखाजायेगा
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