बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

जय श्री राम


राजेन्द्र यादव-पत्रिका-हंस- "राम का कोई अस्तित्व नहीं था नहीं ही कोई राम कभी हुए और यदि हुए भी तो वह मर्यादा पुरुष नहीं थे" यह वक्तव्य इंडिया टीवी पर शाम ०७.०२.१० को आया जब श्री राम के होने न होने के लिए बहस छिड़ी हुई थी, एक महा महान आदमी और थे वह दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा देने का कार्य कर रहे है ।

इन दोनों महानुभाव से मेरा एक सवाल की क्या आपको अपने से पहली दसवीं पुश्त के पिता का नाम मालूम है ? यदि है तो अपनी पहले पिता से लेकर अपने तक की वंशावली दुनिया को दिखाए क्योकि आपके उस खानदान के होने का मुझको यकीं नहीं क्योकि इतिहास सबूत मांगता हैं (आपके ही शब्द है)
आपने यह भी कहा की श्रीलंका ने आपने पर्यटन को विस्तार देने के लिए यह सबूत दिए है की राम का अस्तित्व है, उल्लू के चरखो शर्म करो यदि आपको उनके होने का अभी शक है तो आप जिस खानदान से है उसके आप हैं मुझको शक है..................
अंत में इतना ही की श्री राम के सबूत यही है की अयोध्या नगरी आज भी है रामेश्वरम में शिव पूजा आज भी है और श्रीलंका जो वास्तव में है वही कभी लंका हुई और महान पंडित रावन नॉएडा के पास के एक गावं थे ।
शिवतांडव, रामचरित्र मानस, वाल्मीकि रामायण यह भी सबूत है और अगर चाहिए तो निकल कर आपने कार्यालय से बहार आये जनता जिसके दिल में राम है वो आप को बकाएदा राम के दर्शन भी कराएगी और सबूत भी देगी.........आप जैसे चरखो ने मूर्खो ने पहले भी देश का बेडागरक किया है और आज भी कर रहे हो चप्पल के यार जो हो
"जय श्री राम"
Note: (और हाँ साथ ही भारतीय सरकार जाग जाये वरना नेता जी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद के सबूत भी मागेंगी हमारी आने वाली संताने जो इनकी तरह ही निर्लज होंगी क्योकि जो दिखता है वही होता है और आज सिर्फ गाँधी-नेहरु परिवार ही दिख रहा है चारो ओर यहाँ तक की एक रूपये से लेकर एक हज़ार तक के नोट पर भी..................)

8 टिप्‍पणियां:

vikas mehta ने कहा…

jab tak hindu sangthit nhi honge esa hi hoga

tension point ने कहा…

अरे भाई कौशल साहब गलियां (जो आपने दी हैं) आदमियों को दी जाती हैं. आपने जिन्हें दी हैं उनको पता ही नहीं कि वे आदमी भी हैं या नहीं. खैर... जरा संयम से लिखिए तो अच्छा लगेगा. मेरा ब्लॉग tensionpoint .blogspot .com

बेनामी ने कहा…

राहुल कौशल जी जो आपने लिखा है उससे में तो सहमत हूँ लेकिन एक कमी लगी की इस तरह की बात कहने वालों को जितनी गाली दी जाये उतनी कम है अतः आप अपने लेख में कुछ और सभ्य गालिओं का पुट दें धन्यवाद !
मनीष गुप्त

devas dixit ने कहा…

राम का अगर अस्तित्व नही है, तो कृपया सम्पादक महोदय बताये की इस बेवकूफ जनता का क्या किया जाए जो न जाने कितने वर्षों से रामचरितमानस का पाठ पद्धति आई है. संपादक जी की नज़र में शायद ये भक्तगण निहायती बेवकूफ है. और जो समझदार हैं, वो किसी न किसी पत्रिका के सम्पादक बन चुके है...
माफ़ करें सम्पादक जी, हम आपको कोई सबूत तो नही दे सकते, अगर आप आपने वजूद का सबूत दे सकते हैं तो दीजिये, हम सभी को बेसब्री से इंतज़ार है...

बेनामी ने कहा…

हिन्दू विरोधी ताकतोँ को बेनकाब करने का पावन कार्य आप कर रहे हैँ उसमेँ ईश्वर आपकी सहायता करे!

बेनामी ने कहा…

हिन्दू विरोधी ताकतोँ को बेनकाब करने का पावन कार्य आप कर रहे हैँ उसमेँ ईश्वर आपकी सहायता करे!

बेनामी ने कहा…

Bharat Koi Ek Relagion or Majhab ke logo ka desh nahi hai yaha par sab ko mil kar rahna hoga taki jo log majhab or jihad ke nam par hame apas mai ladate hai unka maksad kabhi pura na ho sake
Chahe o Hindu Ho ya muslim ya ho sikkh , Isai Hum Sum Bharat Mata Ki Santan Hai

mamta ruhela ने कहा…

राहुल जी मै आपके विचारो से सहमत हूँ । उत्तम विचारधारा